माता पिता से कोई भी बात न छुपाएं,यह घातक हो सकता है
khemraj morya
शिवपुरी। कोई भी समस्या हो छुपाने से घातक हो जाती है। अगर आपने किसी भी प्रकार की गलत हरकत का विरोध नहीं किया तो वह बेहद गंभीर एवं घातक हो सकती है। समस्या के समाधान के लिये उसका विरोध बहुत जरूरी है। आज बचपन को हिफाजत की सबसे ज्यादा जरूरत है। बाल यौन शोषण के आंकड़े बताते है कि हर तीसरा बच्चा किसी न किसी प्रकार की यौन हिंसा का शिकार होता है। जबकि इस अपराध की रोकथाम के लिये कठोरतम कानून बना हुआ है,यह विचार सरस्वती विद्या मंदिर कोलारस में पॉक्सो कानून के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने व्यस्त किया।
उन्होंने स्कूल के छात्र छात्राओं को अमानवीय व्यवहार की खिलाफत करने के लिये प्रेरित करते हुए कहा कि आपकी खामोशी आपके अन्य भाई बहनों को भी असुरक्षित बनाती है।यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि बचपन को संरक्षित करने वाले हाथों के द्वारा ही उसका शोषण हो रहा है। जिसका मूल कारण खामोशी है,क्योंकि बचपन में प्रतिकार की समझ नहीं है और परिजनों का बच्चों पर ध्यान नहीं है। यौन उत्पीडऩ पीडि़त 75 फीसदी बच्चे इस बात का जिक्र किसी से नहीं करते।
क्या है बाल यौन शोषण?
अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने शासकीय कन्या उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय कोलारस में भी जागरूकता कार्यक्रम किया। जहां उन्होंने बालिकाओं को बताया कि अमूमन लोग सिफऱ् पेनिट्रेशन (बलात्कार) को ही यौन शोषण से जोड़कर देखते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। बचपन की यौन शोषण से सुरक्षा के कानून पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन फ्ऱॉम सेक्शुअल ऑफ़ेंसेज) के अनुसार बच्चे को ग़लत तरीक़े से छूना, उसके सामने ग़लत हरकतें करना और उसे अश्लील चीज़ें दिखाना-सुनाना भी इसी दायरे में आता है। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी ने किशोर न्याय कानून के सम्बंध में विस्तार से जानकारी देते हुए देखरेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद बच्चों के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि जब भी आप अपने आसपास किसी ऐसे बच्चे को देखें जिसके माता पिता की मृत्यु हो चुकी है या जेलों में है या गंभीर बीमारी से पीडि़त है और बच्चों की देखरेख कोई दूसरा व्यक्ति कर रहा है। किंतु उसे विकास के उचित अवसर प्राप्त नहीं हो रहे तो ऐसे बच्चों के संबंध में भी चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 पर जानकारी दी जा सकती है। इस हेल्पलाइन पर बच्चों से सम्बंधित हर समस्या के लिये सहायता ली जा सकती है। बच्चे मुसीबत के समय में मदद ले सकें।बच्चों के माता-पिता भी हेल्पलाइन पर फ़ोन कर सकते हैं।
अतीत पर भी पड़ता है असर
सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी ने शा.माध्यमिक विद्यालय सेसई सड़क में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को बताया कि माता पिता से किसी भी बात को छुपाना नहीं चाहिये,आपका छुपाना आपको परेशानी में डाल सकता है। माता पिता बच्चों के सबसे अच्छे दोस्त भी होते है। उन्हें हर घटना के संबंध में जानकारी होना जरूरी है। सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में संचालक अजयपाल जाट,शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी प्राचार्य विजय कुमार राव एवं शा.मा.विद्यालय सेसई सड़क के प्रधान अध्यापक नवीन श्रीवास्तव के साथ ही विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहीं।
सुरक्षित जीवन एवं विकास के अवसर प्राप्त करना हर बच्चे का अधिकार है