भाईयों को बिना टीका किये लौटी बहनें, सामान्य तरीके से हुई मुलाकात
awdhesh dandotia
मुरैना। भाई-बहन का रिश्ता दुनिया का सबसे पवित्र और मजबूत रिश्ता माना जाता है। जिसके लिये इंसान तो क्या देवी-देवताओं हीं नहीं स्वंय भगवान ने भी कई बार अपने ही बनाये नियमों केा बदला है, लेकिन होली के त्यौहार में भाईदूज पर इंसानों द्वारा बनाया गया नियम कानून भाई-बहन के रिश्ते में बीच की दीवार बन गया। बहनों की आंखों में उस समय आंसू आ गये, जब जिला जेल में अपने भाई को टीका करने पहुंची बहनों को पता चला कि कानूनी अड़चनों के चलते वह अपने भाई को टीका नहीं कर पायेंगी। इसके बाद आक्रोशित महिलाऐं अपनी फरियाद लेकर कलेक्टर के पास पहुंची, काफी देर बाद जब कलेक्टर से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी, तो वह एक बार फिर जिला जेल पहुंची और जेल के बाहर ही बैठ गईं। मामले की गंभीरता को देखते हुये पुलिस बल भी मौजूद रहा। महिलाओं के आक्रोश को देखते हुये काफी देर बाद जेलर बाबूलाल शुक्ला महिलाओं के बीच आये और कानूनी विज्ञप्ति को महिलाओं को पढ़कर सुनाया। जिसमें उन्होने बताया कि जेल मंत्री द्वारा जेल प्रशासन के विभागीय अधिकारियों की बैठक में भाईदूज के मौके पर होने वाली भाई-बहन की खुली मुलाकात को बंद कर दिया गया है। अब केवल आमतौर पर होने वाली सामान्य मुलाकात के रूप में ही इसे संचालित किया जायेगा। कानूनी विज्ञप्ति सुनने के बाद कई महिलाऐं वहां से लौट गईं, तो कई महिलाओं ने सामान्य रूप से होने वाली मुलाकात ही करना मुनासिब समझा।
भाई-बहन केे रिश्ते में दीवार बना कानून