- कोरोना वायरस के संबंध में बनाये ट्रेनर्स का प्रशिक्षण सम्पन्न
awdhesh dandotia
मुरैना। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस से नवीन संक्रामक है। जिसे नोवेल कोरोना वायरस का नाम दिया गया है। यह संक्रामक वायरस प्रथम बार बुहान, चाईना में पहचाना गया है। इससे बचने के लिये व्यक्ति को एडवायजरी मिले तो संक्रमित व्यक्ति भी नॉर्मल हो सकता है। इसके लिये दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में न आयें। अगर कोई लक्षण पाये जाते है या कोई व्यक्ति विदेश से आता है तो ऐसे व्यक्ति को 14 दिन तक आईसुलेशन वार्ड में रखा जाना अनिवार्य है। भले ही उसमें नोवल कोरोना वायरस के लक्षण नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, जुकाम या हल्का बुखार आता है तो उसकी जांच अवश्य करायें। उसमें संक्रमक लक्षण मिलते है तो ऐसे व्यक्तियों को संबंधित व्यक्ति के घर पर 14 दिन तक आईसुलेट किया जायेगा और उसे उसी परिवार का एक व्यक्ति एक मीटर की दूरी पर मास्क व दस्ताने पहनकर खाना उपलब्ध करायेगा। इस नोवल कोरोना वायरस से डरना नहीं, बल्कि इससे सावधानी बरतना ही इसका उपाये है। इन बातों को अन्तिम छोर तक के व्यक्ति को एडवायजरी दें ताकि लोग इन बातों को याद रखें। यह बात उन्होंने गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बनाये गये नोवल कोरोना वायरस के मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण बतौर कही। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर मुरैना एलके पाण्डे, सीमएचओ, सीडीपीओ, महिला बाल विकास, शिक्षा, खनिज, कृषि सहित समस्त सीडीपीओ, बीईओ, बीआरसी, एसएडीओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस के प्रारंभिक लक्षण सर्दी, जुकाम, तेज बुखार, सूखी खांसी, श्वास लेने में तकलीफ होती है तो इसकी तुरंत जांच करायें। यह बीमारी अधिकतर पूर्व से ग्रसित जैसे बीपी, शुगर, गर्भवती महिलायें, 60 वर्ष से अधिक या छोटे बच्चों में तेजी से फैलती है। उन्होंने कहा कि नोवल कोरोना वायरस का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ्य व्यक्ति तक आंख, नाक एवं मुंह के रास्ते से छींक, खांसी के बूंदों से फैलता है। संक्रमित रोगी के निकट सम्पर्क से भी यह वायरस फैलता है। संक्रमिक वस्तु, सतहों जैसे- टेबल, कुर्सी, पेन, फोन, बर्तन आदि के सम्पर्क से भी नोवल कोरोना वायरस फैल सकता है।
कलेक्टर ने कहा कि ऐसे कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। जिससे नोवल कोरोना वायरस का प्रसार पोल्ट्री पदार्थों से सीधे तौर पर होने की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों की रायनुसार भोज्य पदार्थो को धोकर व स्वच्छ रूप से अच्छी तरह पकाकर ही खाना चाहिये। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति से कम से कम एक मीटर की दूरी बनायें रखें, खांसने व छींकते समय नाम व मूंह ढ़कें। प्रयोग किये गये टिसू को बन्द डिब्बे में फैंके। खांसते समय कोहनी मोड़कर मुख के सामने रखें। नियमित रूप से साबुन व पानी से अच्छी तरह हाथ धोयें। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। अनावश्यक यात्रा से परहेज करें। पर्याप्त पानी पीने चाहिये, गला सूखना नहीं चाहिये। उन्होंने कहा कि नोवल कोरोना वायरस की जांच केवल संदिग्ध प्रकरण में चिकित्सीय अनुशंसा के आधार पर की जाना है। वायरस की अत्याधिक संक्रामकता को दृष्टिगत रखते हुये केबल चिन्हित विशेष प्रयोग शाला में ही जांच की अनुशंसा है। फिलहाल केबल बायोसेफ्टी लेबल-4 (बीएसएल4) प्रयोगशालाओं में ही नोवल कोरोना वायरस के सैम्पल परीक्षण किये जा सकते है। प्रदेश में वर्तमान में नोवल कोरोना वायरस की जांच हेतु एम्स भोपाल एवं एन.आई.आर.टी.एच. की प्रयोगशालाओं को चिन्हित किया गया है। स्वस्थ्य व्यक्ति मास्क का उपयोग न करें।
कोरोना वायरस से सावधानी बरतने के लिये अन्तिम व्यक्ति तक एडवायजरी दें : कलेक्टर