शिवपुरी में खुदाई के दौरान 800 साल पुराने जैन मंदिर में मिली भगवान ऋषभदेव समेत 15 प्रतिमाएं

खुदाई जारी, पुरातत्व विभाग के सदस्य ग्वालियर से शिवपुरी हुए रवाना, भक्तों की आस्था का केन्द्र बना खुदाई क्षेत्र, जैन धर्मावलंबियों ने भजन गाकर भगवान का किया स्वागत 


khemraj morya
शिवपुरी। शहर के आईटीआई के पास निर्माणाधीन हॉस्टल के लिए की जा रही खुदाई में महज 5 फुट नीचे 800 वर्ष पुराना जैन मंदिर मिला है। समय की पुष्टि वहां लगे बीजक से होती है। जिसमें संवत् 1220 ज्येष्ठ सुदी 10 पुष्य नक्षत्र मध्य क्षेत्र लिखा हुआ है। खुदाई के दौरान जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (भगवान आदिनाथ) समेत 15 प्रतिमाएं मिली हैं। इन प्रतिमाओं में यक्ष यक्षणी सहित अन्य तीर्थंकरों की प्रतिमाएं भी शामिल हैं।



ठेेकेदार जिनेश जैन ने बताया कि खुदाई कल रात हुई थी और मजदूर मलवा डालकर चले गए थे। लेकिन मजदूरों ने नहीं बताया कि प्रतिमाएं मिली हैं। लेकिन आज सुबह सुपरवाइजर ने आकर प्रतिमाएं देखी। मूर्तियां मिलने की जानकारी देखते ही देखते पूरे शहर में फैल गई और प्रशासन तथा जैन समाज के लोग घटना स्थल पर पहुंचने लगे। जैन धर्मावलंबियों ने भगवान की प्रतिमाओं की पूजा अर्चना शुरू कर दी और भजन गाकर भगवान का स्वागत किया। जैन समाज के लोगोंं ने उक्त स्थल पर शासन और प्रशासन से मंदिर निर्माण की मांग की। प्रशासन ने उक्त स्थल पर वैरीगेटिंग कर दी है और मूर्तियों को ससम्मान उठवाकर थाने में रखवा दिया है। अधिकारियों ने पुरातत्व विभाग ग्वालियर को भी इस मामले की सूचना दे दी है और पुरातत्व विभाग की टीम शिवपुरी के लिए रवाना हो गई है। मूर्तियां निकलने के बाद मशीन से खुदाई को रोक दिया गया है। ऐसी संभावना है कि नीचे खुदाई में मंदिर दबा हुआ हो सकता है। इस कारण गैंती और फावड़ों से सावधानीपूर्वक खुदाई की जा रही है। इस दौरान वहां पत्थरों की एक बड़ी शिला दिखाई दी है। जिसे जैन समाज के लोग मंदिर का ऊपरी भाग मान रहे हैं। इसी आधार पर ऊपर पड़ी मिट्टी को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। 


जानकारी के अनुसार आईटीआई के सामने पीआईओयू द्वारा 200 बिस्तरीय गल्र्स एवं बॉयस हॉस्टल का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए जेसीबी से वहां खुदाई कराई जा रही थी। जिसका ठेका राज मंगल डवलपर्स कम्पनी द्वारा लिया गया है। कम्पनी के संचालक जिनेश जैन का कहना है कि शाम 5 बजे मजदूर और जेसीबी खुदाई कर रही थी। रात्रि के समय जब खुदाई करने के बाद वहां से मलवा हटाकर दूसरी जगह डाला गया तो उसमें कुछ मूर्तियां थी। जिन्हें काम कर रहे मजदूरों ने रात्रि में अनदेखा कर दिया। लेकिन सुबह करीब 8 बजे उनके सुपरवाइजर सुखदेव वहां आए तो उन्हें उन मजदूरों ने मूर्तियंा दिखाई। जिस पर उन्होंने अपने मालिक जिनेश  जैन को सूचना दी।



जिन्होंने मौके पर आकर देखा तो एक मूर्ति भगवान आदिनाथ की थी। उनके साथ यक्ष-याक्षणियों तथा अन्य तीर्थंकरों की 14 अन्य मूर्तियां भी थीं। इस पर उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर एसडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर, एसडीओपी शिवसिंह भदौरिया, यातायात प्रभारी रणवीर सिंह यादव, सीएमओ केके पटेरिया सहित कोतवाली और देहात थाना पुलिस के साथ-साथ पटवारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर आ गए। जहां पहले से ही लोगों की भीड़ लगी हुई थी। जैन समाज के लोगों ने भगवान आदिनाथ के जयकारे लगाए। उनका कहना था कि कल आदिनाथ जयंती बड़ी धूमधाम के साथ मनाई गई थी और आज भगवान की प्रतिमा निकलने से उनका हर्ष दोगुना हो गया है। जैन समाज के लोगों ने सभी मूर्तियों को एक जगह एकत्रित कर उनकी पूजा शुरू कर दी। मौके पर महिलाएं भी पहुंच गई। जिन्होंने भगवान के मंगल गीत गाए। 


मूर्तियों को पशु पकडऩे के ट्रेक्टर में रखने पर एसडीएम से हुआ विवाद 
मूर्तियां निकलने के बाद वहां लोगों का हुजूम लग गया। जिन्हें हटाने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान एसडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर ने मौके से प्रतिमाओं को हटाने का निर्देश नगर पालिका अधिकारी को दिया। जिन्होंने आनन फानन में पशु पकडऩे वाला नगर पालिका का ट्रेक्टर वहां लगा दिया।


इस ठेकेदार जिनेश जैन ने आपत्ति की। जिस पर एसडीएम  ने श्री जैन को सामूहिक रूप से फटकार लगा दी और उन्हें भला बुरा कह दिया। इसी बात पर जैन समाज के लोग भड़क गए और वह एसडीएम पर हावी हो गए। इसी दौरान जैन समाज के एक युवक रिंकू जैन के साथ एसडीएम की काफी तीखी नौंकझोंक हो गई। तभी यातायात प्रभारी रणवीर यादव और सीएमओ केके पटेरिया ने दोनों को वहां से हटाया। एसडीएम के इस व्यवहार से खिन्न होकर जैन समाज के लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक वहीं स्थापित कर पूजा पाठ शुरू कर दिया।