प्रदेश में किसानों से 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी  

शिवराज बोले: जनसहयोग से कोरोना नियंत्रण प्रयासों में मिल रही सफलता


भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य में कोरोना पर नियंत्रण के प्रयासों में निरंतर सफलता मिल रही है। पूरी सावधानी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 30 अप्रैल से राज्य मंत्रालय, सतपुड़ा, विंध्याचल और अन्य राज्य-स्तरीय कार्यालय 30 प्रतिशत अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना नियंत्रण के हरसंभव उपाय किए गए हैं। अधिक प्रभावित जिलों में अधिकारियों के दल जाकर सभी पक्ष देखेंगे। ये दल जिलों में कैम्प कर निरीक्षण के बाद स्थानीय प्रशासन को कोरोना वायरस पर नियंत्रण, उपचार, लॉकडाउन से संबंधित व्यवस्थाओं के निर्धारण में भी सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुखद संकेत है कि राज्य में कोरोना पॉजीटिव रोगियों की संख्या कम हो रही है। इसके साथ ही, अस्पतालों से डिस्चार्ज होने वाले व्यक्तियों की संख्या भी बढ़ गई है। रोगी स्वस्थ्य हो रहे हैं, मृत्यु दर भी कम हुई है। जनसहयोग से कोरोना पर नियंत्रण करते हुए हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। अब मध्यप्रदेश में प्रतिदिन चार हजार टेस्टिंग हो रही हैं, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। पर्याप्त टेस्टिंग किट्स प्राप्त हो जाने से इस कार्य में गति आई है। ऐसे हाईरिस्क जोन, जहाँ ज्यादा पॉजीटिव मिले हैं, वहाँ जनता के सहयोग से वायरस नियंत्रण में सफलता मिल रही है।
सीमित क्षेत्रों में होगा आर्थिक गतिविधियों का संचालन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कथन जान भी है, जहान भी है के अनुसार अब सीमित क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों का संचालन होगा। ग्रीन जोन में आर्थिक गतिविधियों के साथ ही मनरेगा और अन्य कार्यों में श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। रोजगार के अवसर निरंतर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
नहीं होने देंगे किसानों का शोषण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी का कार्य पूरा किया जा चुका है। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कवच भी उपलब्ध है। एक माह पूर्व किसानों को यह चिंता थी कि खरीदी होगी अथवा नहीं। राज्य में गेहूं खरीदी का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग का यहां भी ध्यान रखा जा रहा है। लॉकडाउन के कारण जूट के बारदानों की उपलब्धता की समस्या आई थी, जिसे दूर किया गया है। इसमें केन्द्र का सहयोग भी मिल रहा है। चना, मसूर और सरसों की खरीदी की भी समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अधिकतम सुविधाएं देकर उन्हें किसी भी तरह के शोषण से बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से प्रति हेक्टेयर उत्पादन के आधार पर सीमा तय कर किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। पूर्व सरकार ने जो सीमा कम की थी, उसे बढ़ाने की कार्रवाई की जा रही है।
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बेहतर रबी उपार्जन व्यवस्थाओं से खुश किसान
कोरोना वायरस संक्रमण कारण प्रदेशभर में लॉकडाउन के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हित में गेहूँ खरीदी का फैसला लिया। इससे प्रदेश के किसान खुश हैं। रबी उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये पर्याप्त इंतजामों से किसान निश्चिंतता से केन्द्रों पर पहुँचकर अपनी उपज बेच रहे हैं। आगर-मालवा जिले में लॉकडाउन के दौरान ग्राम गंगापुर के किसान दरबार सिंह ने अपना 24 क्विंटल गेहूँ बेचा है। फसल बेचकर चिंतामुक्त हुए दरबार सिंह ने बताया कि खरीदी केन्द्र में आने वाले किसानों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाया गया। जिले के अन्य ग्राम पालड़ा, सुल्तानपुरा और बुडा डूंगर खरीदी केन्द्र में 170 किसानों ने मण्डी घोष विक्रय में करीब 3710 क्विंटल गेहूँ क्वालिटी अनुसार 1621 से लेकर 2030 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचा।
झाबुआ में 20 केंद्र बनाए गए 
 झाबुआ जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी के लिये 20 केन्द्र बनाये गये हैं। इसके अलावा चने के लिये 3 खरीदी केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं। जिले में अब तक 1289 किसानों से उनका 52 हजार 372 क्विंटल गेहूँ समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। नीमच जिले में लॉकडाउन के दौरान ग्राम भंवरासा के किसान नरेन्द्र शर्मा समर्थन मूल्य पर अपना 27 क्विंटल गेहूँ बेचकर काफी खुश हैं। ग्राम भंवरासा के किसान परवसिंह ने भी अपना 16 क्विंटल गेहूँ 1925 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बेचा है। इन किसानों का कहना है कि खरीदी केन्द्रों पर संक्रमण से बचाव के लिये हाथ धुलाने के लिये साबुन-पानी का इंतजाम किया गया है। जिले में 41 खरीदी केन्द्रों पर 4937 किसानों ने एक लाख 29 हजार 150 क्विंटल गेहूँ बेचा है। इन किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूँ की खरीदी शुरू कर किसानों को काफी राहत दी है।
पन्ना में 71 खरीदी केंद्र
 पन्ना जिले में बनाये गये 71 उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। जिले में अब तक 7263 किसानों से करीब 2 लाख क्विंटल गेहूँ की खरीदी की गई है। इसमें से करीब एक लाख 60 हजार क्विंटल गेहूँ का सुरक्षित परिवहन किया जा चुका है। खरीदी केन्द्र पर किसानों को मास्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं। सिवनी जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी के लिये 60 हजार 848 किसानों का पंजीयन किया गया है। इसमें से 9 हजार 734 किसानों से करीब 44 हजार क्विंटल गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। खरीदी केन्द्रों पर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये आवश्यक सुरक्षा उपाय किये गये हैं। जिले में गेहूँ खरीदी के लिये बनाये गये 98 उपार्जन केन्द्रों पर निरंतर खरीदी का कार्य जारी है।
किसानों को दे रहे समझाइश
शाजापुर जिले में 79 उपार्जन केन्द्रों पर 12 हजार 872 किसानों से 4 लाख 9 हजार 534 क्विंटल गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। खरीदी केन्द्रों पर आने वाले किसानों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये लगातार समझाइश दी जा रही है। अनूपपुर जिले में अब तक 94 किसानों से 1471 क्विंटल गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। जिले में खरीदे गये गेहूँ के परिवहन की उचित व्यवस्था की गई है। जिले में गेहूँ की बिक्री के लिये 1609 किसानों ने पंजीयन कराया है। किसानों को खरीदी केन्द्र पर अकेले आने की समझाइश दी जा रही है। बड़वानी जिले में बनाये गये 26 उपार्जन केन्द्रों पर 1909 किसानों से 76 हजार 540 क्विंटल गेहूँ की खरीदी की गई है। किसानों को खरीदी केन्द्र पर मास्क पहनकर आने की समझाइश दी जा रही है। 
रिकॉर्ड तोड़ गेहूं खरीदी
गुना जिले में 68 खरीदी केन्द्रों पर अब तक 8744 किसानों से 4 लाख 46 हजार 860 क्विंटल गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। सभी केन्द्रों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये साबुन और पानी के इंतजाम किये गये हैं। हरदा जिले में बनाये गये 155 उपार्जन केन्द्रों पर किसानों से गेहूँ की खरीदी की जा रही है। उपार्जन केन्द्र नयागाँव पर अपनी उपज बेचने आये किसान ज्वाला सिंह यदुवंशी ने वहाँ की गई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि केन्द्र में खरीदी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ग्वालियर जिले में बनाये गये गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर अब तक 5 हजार 150 किसानों से 32 हजार 524 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है। जिले में 21 हजार 563 किसानों ने गेहूँ बेचने के लिये पंजीयन कराया है। जिले में अब तक 23 हजार 78 मीट्रिक टन गेहूँ का सुरक्षित रूप से परिवहन किया जा चुका है।